परिचय
“जल ही जीवन है” – यह कहावत हम बचपन से सुनते आए हैं। लेकिन क्या भारत के हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुँच पा रहा है? इसी सवाल का जवाब देने और एक बड़े सपने को साकार करने के लिए भारत सरकार ने ‘हर घर जल योजना’ (Har Ghar Jal Yojana) की शुरुआत की है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला एक अभियान है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इसी योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे l
हर घर जल योजना क्या है
हर घर जल योजना, भारत सरकार की प्रमुख जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) का केंद्रीय घटक है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी। इसका प्राथमिक और एकमात्र लक्ष्य है – वर्ष 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में Functional Household Tap Connection (FHTC) के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुँचाना। यह योजना ‘लक्ष्य’ से ‘लक्ष्यित’ तक पानी पहुँचाने के बजाय, ‘हर घर’ तक पानी पहुँचाने पर केंद्रित है, जिससे इसमें समावेशिता का गुण है।
इस योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी
भूगोल और मौसम के आधार पर भारत में जल की उपलब्धता में बहुत अंतर है। देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहाँ लोगों, खासकर महिलाओं और बच्चों, को पानी भरने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। इससे न केवल उनका कीमती समय बर्बाद होता था, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकार们也 प्रभावित होते थे। इसके अलावा, दूषित पानी से होने वाली बीमारियाँ जैसे हैजा, टाइफाइड, और दस्त भी एक बड़ी समस्या थीं। हर घर जल योजना इन्हीं चुनौतियों का समाधान बनकर उभरी है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
1. स्वास्थ्य में सुधार: स्वच्छ पानी की आपूर्ति से जलजनित बीमारियों में कमी आएगी, जिससे देश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और चिकित्सा पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
2. महिला सशक्तिकरण: पानी भरने की जिम्मेदारी अक्सर महिलाओं और लड़कियों पर ही होती है। नल से घर में पानी आने से उन्हें इस कठिन श्रम से मुक्ति मिलेगी और वे अपना समय शिक्षा, कौशल विकास और अन्य उत्पादक गतिविधियों में invest कर पाएँगी।
3. जल संरक्षण को बढ़ावा: यह योजना केवल पानी की आपूर्ति तक सीमित नहीं है। इसमें ग्रामीण स्तर पर जल संसाधनों के प्रबंधन, rainwater harvesting और जल के पुनर्चक्रण (Greywater Management) पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि भविष्य के लिए जल सुरक्षित रहे।
4. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: बेहतर स्वास्थ्य और अतिरिक्त समय का सीधा असर उत्पादकता पर पड़ेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
· सामुदायिक भागीदारी: इस योजना की सफलता का मूलमंत्र है स्थानीय लोगों की भागीदारी। ग्राम पंचायतें और स्थानीय समुदाय योजना की रूपरेखा तैयार करने, कार्यान्वयन और रखरखाव की जिम्मेदारी साझा करते हैं।
· तकनीक का उपयोग: योजना में पानी की गुणवत्ता की real-time monitoring, ऑनलाइन डैशबोर्ड, और जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को नेटवर्क से जोड़ने जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
· वित्तीय सहायता: केंद्र सरकार राज्य सरकारों को इस योजना के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
· टिकाऊपन (Sustainability): योजना केवल नल लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि जल स्रोत सूखें नहीं और आपूर्ति का ढाँचा लंबे समय तक चले।
निष्कर्ष
हर घर जल योजना देश की तस्वीर बदलने वाली एक महत्वाकांक्षी और सराहनीय पहल है। यह केवल पाइपलाइन और नल लगाने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के लोगों, विशेष रूप से महिलाओं, को गरिमा और बेहतर जीवन प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जब देश का हर घर ‘जल’ से जुड़ेगा, तभी सही मायनों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का लक्ष्य हासिल हो पाएगा। इस योजना की सफलता हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल का अधिकार मिल सके।