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हर बूंद से हर खेत तक पीएम कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) 2025की संपूर्ण जानकारी

By yojana inf

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नमस्कार दोस्तों भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन एक विरोधाभास यह भी है कि हमारे किसान अक्सर “मानसून का जुआ” खेलने को मजबूर हैं। एक ओर जहाँ बाढ़ से फसलें बर्बाद हो जाती हैं, वहीं दूसरी ओर सूखा किसानों की मेहनत पर पानी फेर देता है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साल 2015 में एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana – PMKSY)2025।

यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि देश के किसानों को सूखे और अनिश्चित मानसून से मुक्ति दिलाने का एक सशक्त अभियान है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि यह योजना क्या है, इसके उद्देश्य क्या हैं और यह कैसे भारतीय कृषि के परिदृश्य को बदल रही है।

PMKSY क्या है(What is PMKSY)

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक समेकित योजना है जिसका मुख्य नारा है – “हर खेत को पानी सुनिश्चित करना” (Per Drop More Crop)। इसका मकसद देश के हर खेत, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, तक सिंचाई के साधन पहुँचाना और पानी के कुशल इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। यह सिर्फ नहरें बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण, जल प्रबंधन और ड्रिप व स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीकों पर जोर देती है।

योजना के प्रमुख उद्देश्य (Key Objectives of the Scheme)

1. सिंचाई का विस्तार (Expanding Irrigation Cover): देश के उन खेतों तक सिंचाई सुविधा पहुँचाना जो अभी भी वर्षा पर निर्भर हैं।
2. जल उपयोग दक्षता बढ़ाना (Enhancing Water Use Efficiency): पानी की बर्बादी रोकना और “प्रति बूंद, अधिक उपज” के सिद्धांत पर काम करना।
3. जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन (Water Conservation & Rainwater Harvesting): बारिश के पानी को इकट्ठा करना और भूजल स्तर को रीचार्ज करना।
4. सिंचाई में एकरूपता लाना (Ensuring Uniform Irrigation): यह सुनिश्चित करना कि खेत के हर हिस्से में समान रूप से पानी पहुँचे, ताकि उपज बढ़े।
5. किसानों की आय में वृद्धि (Increasing Farmers’ Income): बेहतर सिंचाई से फसल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करके किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना।

योजना के प्रमुख घटक (Major Components of PMKSY)

PMKSY को मुख्य रूप से चार घटकों में बाँटा गया है ताकि हर स्तर पर काम किया जा सके:

1. एक्सीलरेटेड इरिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम (AIBP): इसके तहत बड़ी सिंचाई परियोजनाओं (जैसे नहरों और बांधों) को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया जाता है, ताकि अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुनिश्चित हो सके।
2. हर खेत को पानी सुनिश्चित करना (Har Khet Ko Pani): इस घटक में छोटे स्तर के जल स्रोतों जैसे तालाब, कुएँ, नलकूप आदि का नवीनीकरण और निर्माण शामिल है। साथ ही, जल वितरण प्रणाली को मजबूत करना भी इसका हिस्सा है।
3. पर ड्रॉप मोर क्रॉप (Per Drop More Crop): यह PMKSY का सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित घटक है। इसमें ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर इरिगेशन जैसी माइक्रो-इरिगेशन तकनीकों को बढ़ावा दिया जाता है। सरकार इन तकनीकों पर अच्छा-खासा अनुदान (सब्सिडी) भी प्रदान करती है, जिससे किसानों के लिए इन्हें अपनाना आसान हो जाता है।
4. वाटरशेड डेवलपमेंट (Watershed Development): इसके अंतर्गत बारिश के पानी को जमा करने, मिट्टी के कटाव को रोकने और भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को सुधारने पर काम किया जाता है। इससे वर्षा आधारित कृषि वाले इलाकों में नमी बनी रहती है।

PMKSY के लाभ (Benefits of PMKSY)

· पानी की बचत: ड्रिप इरिगेशन से पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 30-50% तक पानी की बचत होती है।
· उत्पादन में वृद्धि: समय पर और उचित मात्रा में पानी मिलने से फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है।
· लागत में कमी: सिंचाई पर होने वाले खर्च (जैसे बिजली, डीजल और मजदूरी) में कमी आती है।
· पर्यावरण संरक्षण: जल संरक्षण और कुशल उपयोग से भूजल स्तर सुरक्षित रहता है।
· किसानों की आत्मनिर्भरता: किसान मानसून की अनिश्चितता से मुक्त होकर, साल भर विभिन्न फसलें उगा सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) भारतीय कृषि को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक सोचा-समझा और सशक्त कदम है। यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि देश में जल संकट जैसी गंभीर समस्या से निपटने में भी अहम भूमिका निभा रही है। जैसे-जैसे और अधिक किसान इस योजना से जुड़कर आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपना रहे हैं, वैसे-वैसे “हर खेत को पानी” का सपना साकार होता दिख रहा है। यह योजना वास्तव में एक जल-स्मार्ट और किसान-सशक्त भारत के निर्माण की नींव रख रही है।

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